तुम जुदा होकर हमें कुछ और प्यारे हो गए..
पास रहकर ग़ैर थे..अब तो हमारे हो गए..
लौट जाने को कहा तुमने मगर कुछ इस तरह..
ज़िंदगी से मौत तक इकरार सारे हो गए..
वस्ल की अब चांदनी छाये ना छाये ग़म नहीं..
हिज्र की रातों में रौशन चांद-तारे हो गए..
प्यार के तूफान में हर मौज साहिल बन गई..
जिस तरफ देखा किनारे ही किनारे हो गए..
तुम जुदा होकर हमें कुछ और प्यारे हो गए..
पास रहकर ग़ैर थे..अब तो हमारे हो गए..
- राजेंद्र कृष्णन
पास रहकर ग़ैर थे..अब तो हमारे हो गए..
लौट जाने को कहा तुमने मगर कुछ इस तरह..
ज़िंदगी से मौत तक इकरार सारे हो गए..
वस्ल की अब चांदनी छाये ना छाये ग़म नहीं..
हिज्र की रातों में रौशन चांद-तारे हो गए..
प्यार के तूफान में हर मौज साहिल बन गई..
जिस तरफ देखा किनारे ही किनारे हो गए..
तुम जुदा होकर हमें कुछ और प्यारे हो गए..
पास रहकर ग़ैर थे..अब तो हमारे हो गए..
- राजेंद्र कृष्णन